कुछ सामान जो हमारे प्यारे बाबजान ने इस्तेमाल किया. उन्होंने सादा जीवन व्यतीत किया और हमेशा सांसारिक विलासिता से बचते रहे. बस इतना ही कह सकते हैं: कोई मेरे महबूब सा दुनिया में नहीं है
बैठा है चटाई पे मगर अर्श नशीं है
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